जानिये ई-सिगरेट के इस्तेमाल से फेफड़ों की गंभीर बीमारी होने का कितना है खतरा

जानिये ई-सिगरेट के इस्तेमाल से फेफड़ों की गंभीर बीमारी होने का कितना है खतरा

सेहतराग टीम

कुछ समय पहले ही ई-सिगरेट को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने कारण भारत जैसे कई देशों बैन किया गया था। रिसर्च के मुताबिक बताया गया था कि यह स्वास्थ्य पर कई तरीके से प्रभाव डालती है। हाल ही में एक शोध में खुलासा हुआ कि ई-सिगरेट ज्यादा पीने से फेफड़ों की गंभीर बीमारी होने का जोखिम बढ़ सकता है। जिनमें अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और इमफाइसीमा जैसी कई बीमारियां शामिल हैं। सैन फ्रांसिस्को की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं  ने रिसर्च में पाया कि जिन लोगों ने ई-सिगरेट के साथ सामान्य सिगरेट भी पी है, उनमें फेफड़ों की गंभीर बीमारियां होने का खतरा उन लोगों से कहीं ज्यादा था जिन्होंने एक ही तरह के उत्पाद का सेवन किया।

दरअसल अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रीवेंटेटिव मेडिसिन में प्रकाशित शोध के अनुसार पॉपुलेशन असेस्मेंट ऑफ टोबैको एंड हेल्थ में मौजूद डाटा का विश्लेषण किया गया है और इन असेस्मेंट में ई-सिगरेट और तंबाकू की आदतों की निगरानी की गई। इसके अलावा 2013 से लेकर 2016 के बीच 32 हजार अमेरिकियों को हुई गंभीर फेफड़ों की बीमारी की भी जांच की गयी। हालांकि, इस शोध में पूरी तरह से सब कुछ साफ नहीं पता चला है।

शोधकर्ताओं ने ऐसे लोगों पर अध्ययन किया जिन्हें कोई फेफड़े की बीमारी नहीं थी। इस दौरान इनके ई-सिगरेट और सामान्य सिगरेट के पीने की मॉनिटरिंग की गई। इन प्रतिभागियों की तीन साल तक निगरानी की गई। शोधकर्ता स्टैनटन ग्लैनट ने कहा, हमें पता चला कि धूम्रपान को नियंत्रित करने के बाद भी ई-सिगरेट पीने के कारण प्रतिभागियों में फेफड़ों की बीमारी होने का खतरा एक तिहाई गुना तक ज्यादा था। सामान्य सिगरेट पीने वालों की तुलना ई-सिगरेट पीने वालों में बीमारी होने का खतरा 1.3 गुना तक ज्यादा था।

 

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